देश भर के छात्रों को विद्वानों के शोध लेखों और पत्रिका प्रकाशन तक आसान पहुंच प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ नामक एक नई योजना शुरू की है। इससे 1.8 करोड़ छात्रों को लाभ मिलेगा।
पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन’ नामक एक नई केंद्रीय क्षेत्र योजना को मंजूरी दी है। इस योजना का उद्देश्य देश भर के छात्रों को विद्वानों के शोध लेखों और पत्रिका प्रकाशन तक आसान पहुंच प्रदान करना है। यह सुविधा सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार की अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं की उपलब्धता बताएगी।
संसाधनों तक कैसे पहुंचें?
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल “वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन” होगा, जिसके माध्यम से संस्थान पत्रिकाओं तक पहुंच सकेंगे। इस योजना के लिए तीन वर्षों, 2025, 2026 और 2027 के लिए कुल लगभग 6,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। योजना को एक सरल, उपयोगकर्ता के अनुकूल और पूरी तरह से डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से प्रशासित किया जाएगा।
ऐसे मिलेगा लाभ
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना का लाभ केंद्र या राज्य सरकार के प्रबंधन के तहत सभी उच्च शिक्षण संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को एक केंद्रीय एजेंसी, सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET) द्वारा समन्वित राष्ट्रीय सदस्यता के माध्यम से प्रदान किया जाएगा। अब छात्रों को आसान डिजिटल प्रोसेस के जरिए रिसर्च आर्टिकल और जर्नल पब्लिकेशन पढ़ने को मिल सकेंगे।
1.8 करोड़ छात्रों को मिलेगा लाभ
योजना के माध्यम से इंटरनेशनल लेवल पर क्या-क्या रिसर्च हो रही है, इसकी जानकारी बस एक क्लिक पर मिल सकेगी। इस सूची में 6,300 से ज्यादा संस्थान शामिल हैं, यानी लगभग 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक और शोधकर्ता, जो संभावित रूप से वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन का लाभ उठा सकेंगे।
यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में सरकार द्वारा की गई पहलों की सीमा और पहुंच को और बढ़ाती है, ताकि गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक पहुंच को अधिकतम किया जा सके। यह अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने और सरकारी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, शोध संस्थानों और अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशालाओं में अनुसंधान और नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एएनआरएफ की पहल का पूरक होगा।
शैक्षिक संसाधनों तक व्यापक पहुंच
इस योजना के तहत 30 टॉप अंतरराष्ट्रीय प्रकाशकों से लगभग 13,000 उच्च-प्रभाव वाली ई-पत्रिकाएं प्रदान करके शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाएगी। सूचना और पुस्तकालय नेटवर्क (INFLIBNET), एक स्वायत्त UGC अंतर-विश्वविद्यालय केंद्र द्वारा समन्वित, इस डिजिटल सदस्यता का लाभ 6,300 से अधिक संस्थानों को मिलेगा। इसके माध्यम से लगभग 1.8 करोड़ छात्रों, शिक्षकों, शोधकर्ताओं और वैज्ञानिकों को लाभ मिलेगा, जिनमें टियर-2 और टियर-3 शहरों के लोग भी शामिल हैं।
रिसर्च में अधिक गुंजाइश

केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत 2025, 2026 और 2027 के लिए लगभग 6,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना को भारत के अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को बदलने के उद्देश्य से तैयार की है।
राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखण
वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ), और सरकार के विकसित भारत @2047 विजन के साथ संरेखित है। नीति का उद्देश्य शैक्षणिक संसाधनों तक पहुंच को आसान बनाना, नवाचार को बढ़ावा देना और देश में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
ग्रामीण-शहरी विभाजन को कम करना
नीति का उद्देश्य टियर-2 और टियर-3 शहरों में रहने वाले छात्रों को लाभ पहुंचाना है।

