टीचर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स, कॉलेजों में होने वाले फर्जीवड़े और डमी शिक्षकों को पकड़ने के लिए एनसीटीई नया फॉर्म्यूला लेकर आया है। ऐसे नियम बनाए गए हैं, जिससे धोखा देने वाले एनसीटीई की नजर से बच नहीं पाएंगे। देश के सभी 15000 से ज्यादा संस्थानों पर ये लागू होगा।
देश भर के 15,500 संस्थानों में क्लासरूम टीचिंग, फैकल्टी की नियुक्ति, इंफ्रास्ट्रक्चर, लैब-लाइब्रेरी के हालात की सटीक जानकारी हासिल करने के लिए नैशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (NCTE) ने महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस फॉर्मूले से संस्थान में पढ़ाई के स्तर का तो मूल्यांकन होगा ही, साथ ही डमी टीचर्स और संस्थान भी पकड़ में आ जाएंगे।
NCTE के चेयरमैन प्रफेसर पंकज अरोड़ा का कहना है कि नियमों के मुताबिक, एनसीटीई की ओर से टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूट को वन टाइम रिकॉग्निशन (मान्यता) दे दी जाती है। इंस्पेक्शन का भी कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में टीचिंग इंस्टिट्यूशंस में पढ़ाई के स्तर और इंफ्रास्ट्रक्चर समेत हर पहलू की जांच के लिए एनसीटीई एक्ट, 1993 के तहत यह फॉर्मूला लागू किया गया है।
कई बार संस्थान के अस्तित्व में न होने की भी शिकायतें आती है। साथ ही एक टीचर के कई जगह नामांकन किए जाने की बात भी कही जाती है। इन सभी मसलों की जांच अब आसानी से हो सकेगी।
NCTE कैसे पकड़ेगा धोखाधड़ी?
NCTE के चेयरमैन प्रफेसर पंकज अरोड़ा के मुताबिक अब एनसीटीई की वेबसाइट https://ncte.gov.in से मान्यता प्राप्त टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस को शैक्षणिक सत्र 2021-22 और 2022-23 के लिए परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PARs) जमा करनी होगी। यह रिपोर्ट 10 नवंबर तक जमा की जा सकती है। रिपोर्ट जमा कराना जरूरी है और ऐसा न करने वाले संस्थानों पर NCTE Act 1993 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा जो टीचर जिस संस्थान, यूनिवर्सिटी से जुड़े होंगे उनको भी संस्थान की रिपोर्ट को सर्टिफाई करना होगा। इस तरह से पहले दो लेवल पर जांच हो जाएगी। उसके बाद एनसीटीई रिपोर्ट के सभी पहलुओं की जांच करेगा। जो भी कमियां होंगी, उनके बारे में संस्थान को बताया जाएगा। खास बात यह है कि टीचर के PAN कार्ड की डिटेल भी देनी होगी। इससे यह फायदा होगा कि जो टीचर एक संस्थान के लिए नामांकन करेगा और अगर वह दूसरी जगह भी नामांकन करना चाहेगा तो सिस्टम उस रिक्वेस्ट को स्वीकार नहीं करेगा।
एनसीटीई ने और भी कड़ी व्यवस्था करते हुए कहा है कि हर संस्थान को ऐप के जरिए क्लासरूम टीचिंग के विडियो, फोटो, लैब और लाइब्रेरी की फोटो समय और तारीख के साथ अपलोड करनी होगी। जब NCTE सभी 15,500 संस्थानों की रिपोर्ट्स का विश्लेषण कर लेगा, तो उसके बाद कुछ पैरामीटर तय होंगे। इसके साथ ही टीचर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस की रिपोर्ट को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत वेबसाइट पर भी जारी किया जाएगा, ताकि किसी को भी अपनी बात रखनी है तो वह कह सकता है।
टीचिंग कोर्सेज के लिए क्यों उठाया गया ये कदम
टीचिंग कोर्स के लिए मान्यता हासिल करने वाले ऐसे संस्थान भी हैं, जहां पर बस नाममात्र के लिए ही छात्रों का रजिस्ट्रेशन होता है। न पढ़ाने वाले होते हैं और न ही वहां पर पढ़ाई के लिए जरूरी सुविधाएं होती है। ऐसे में डिग्री हासिल करने वाले छात्रों की क्षमताओं पर संदेह होना स्वाभाविक ही है। शिक्षा नीति में क्लासरूम टीचिंग में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं, जिसके तहत अब संस्थानों में फोर ईयर इंटीग्रेटिड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम भी शुरू हो रहा है। परफॉर्मेंस अप्रेजल रिपोर्ट (PARs)- पोर्टल में जियो टैगिंग और जियो- रेफरेंसिंग जैसे प्रावधान है, जिससे संस्थानों के सही स्थान की पहचान में मदद मिलेगी।
