बोर्ड प्रश्नपत्रों के प्रारूप में महत्वपूर्ण संशोधन, नकल रोकने की तैयारी, त्रिपुरा में सीबीएसई का नया कार्यालय सहित सीबीएसई द्वारा इस वर्ष की गई कई घोषणाएं सुर्खियों में रहीं। यहां सभी का विवरण दिया गया है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने वर्ष 2024 में कई बड़ी घोषणाएं की हैं। बोर्ड ने कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में महत्वपूर्ण संशोधन किए। इसके साथ-साथ बोर्ड की ओर से की गई कई घोषणाएं सुर्खियों में रहीं हैं, जिसमें अधिक योग्यता-आधारित प्रश्न शामिल करना, सख्त सुरक्षा उपाय, अगरतला में एक उप-क्षेत्रीय कार्यालय खोलना, छात्रों के लिए उपस्थिति मानदंड लाना सहित अन्य शामिल हैं। आइए जानते हैं इस वर्ष सीबीएसई की ओर से कौन सी बड़ी घोषणाएं की गईं हैं।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी से
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2025 में कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा की डेटशीट घोषित की। परीक्षाएं अगले (2025) साल 15 फरवरी से शुरू होंगी। कक्षा 10वीं की परीक्षाएं 18 मार्च को और कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 4 अप्रैल को समाप्त होंगी। भारत और 26 अन्य देशों में आयोजित होने वाली इन परीक्षाओं में 44 लाख से अधिक छात्रों के शामिल होने का अनुमान है।
बोर्ड प्रश्नपत्रों के प्रारूप में महत्वपूर्ण संशोधन की घोषणा
बोर्ड ने इस वर्ष के लिए बोर्ड प्रश्नपत्रों के प्रारूप में महत्वपूर्ण संशोधन की घोषणा की है। कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षा 2025 में अधिक योग्यता-आधारित प्रश्न शामिल होंगे। इन प्रश्नों के माध्यम से छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान का परीक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों की थ्योरी की भाषा को प्रैक्टिकल सिचुएशन में इस्तेमाल करने की क्षमता को मापना है।
परीक्षा में इस तरह की समस्याएं अधिक होंगी, जिसके लिए समस्या-समाधान कौशल की आवश्यकता होगी। यह निष्कर्ष 2020 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने की तैयारी
कक्षा 10वीं और 12वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए अगले साल सुरक्षा उपाय लागू किए जा सकते हैं। बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के तहत डिजिटल फिंगरप्रिंट, उम्मीदवारों की तस्वीरें और चेहरे का मिलान करने की योजना है। इस योजना पर करीब 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिससे 1,200-1,300 परीक्षा केंद्रों को कवर किया जाएगा।
परीक्षा से 1-2 सप्ताह पहले, सभी पंजीकृत छात्रों के रोल नंबर, फोटो और नाम का केंद्र-विशिष्ट डेटा एक एजेंसी को प्रदान किया जाएगा। यह डेटा डिजिटल फिंगरप्रिंट और फेस वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल होगा, ताकि परीक्षा के दौरान और बाद में उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित की जा सके।
त्रिपुरा में सीबीएसई का नया कार्यालय
सीबीएसई त्रिपुरा के अगरतला में एक उप-क्षेत्रीय कार्यालय खोलेगा। यह कदम राज्य के सरकारी स्कूलों के खराब प्रदर्शन पर जनता की प्रतिक्रिया को देखते हुए उठाया गया है। 2018 में भाजपा सरकार के आने के बाद, 125 स्कूलों को “विद्याज्योति स्कूल” नाम दिया गया और इनमें सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू किया गया।
इस वर्ष, इन स्कूलों में से 61% छात्र कक्षा 10 की और 59% छात्र कक्षा 12 की परीक्षा में पास हुए। पहले यह स्कूल त्रिपुरा बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (TBSE) से संबद्ध थे और इनमें बंगाली माध्यम से पढ़ाई होती थी।
राज्य सरकार ने सीबीएसई कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव रखा है। यह कार्यालय अस्थायी रूप से रामकृष्ण मिशन विद्यालय से संचालित होगा।
सीबीएसई ने 75% उपस्थिति अनिवार्य की
सीबीएसई ने 2025 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए छात्रों के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य की है। जिन छात्रों की उपस्थिति 75% से कम होगी, उन्हें परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, चिकित्सा समस्याओं, खेल आयोजनों में भाग लेने या अन्य महत्वपूर्ण कारणों वाले छात्रों के लिए, उचित दस्तावेज जमा करने पर उपस्थिति के नियम में छूट दी जा सकती है।
विदेश में सीबीएसई का पहला कार्यालय
सीबीएसई ने दुबई में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्षेत्रीय कार्यालय और उत्कृष्टता केंद्र (COE) स्थापित किया है। यह कदम यूएई में भारतीय शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। 5 सितंबर, 2024 को शिक्षक दिवस के अवसर पर, दुबई में भारतीय मिशन और स्कूलों के प्रिंसिपलों के साथ एक विशेष सत्र आयोजित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 फरवरी, 2024 को यूएई यात्रा के दौरान इस कार्यालय की स्थापना की घोषणा की थी। यह कार्यालय 2 जुलाई, 2024 से दुबई में भारत के महावाणिज्य दूतावास में काम करना शुरू करेगा।
सीबीएसई ने परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी अनिवार्य किया
2025 की कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के लिए सीबीएसई ने सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य किया है। यह कदम परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इस साल 44 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में शामिल होने की संभावना है, जिसके लिए लगभग 8,000 स्कूल परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। जिन स्कूलों में वर्तमान में सीसीटीवी नहीं है, उन्हें इसे स्थापित करना होगा।
सीबीएसई की यह पहल परीक्षा के दौरान धोखाधड़ी और अनियमितताओं को रोकने के साथ-साथ छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
