समय के साथ-साथ कमेंट्री की दुनिया में काफी तब्दीलियां आई हैं. वर्तमान में क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य लोकप्रिय खेलों के साथ विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय इवेंट्स का रेडियो और टेलीविजन पर सीधा और लाइव प्रसारण स्पोर्ट्स इवेंट्स का एक अहम हिस्सा बन गया है. ऐसे में आपने अलग-अलग भाषाओं में क्रिकेट में कमेंट्री सुनी होगी. अगर आपकी रुचि भी क्रिकेट में है और आपको बोलने की कला पता है, तो इसमें करिअर बनाने का एक बेहतरीन जरिया है. रेडियो स्टेशन और टेलीविजन ब्राडकास्टिंग कंपनीज में स्पोर्ट्स कमेंटेटर के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है. हाई टीआरपी वाले देशी और विदेशी सैटेलाईट चैनल्स स्पोर्टस कमेंटेटर के रूप में करिअर के लिए गोल्डन पासपोर्ट माने जाते हैं.
करिअर विकल्प
- स्पोर्ट्स जर्नलिज्म – एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट का मुख्य काम नेशनल और इंटरनेशनल पत्र-पत्रिकाओं में स्पोर्ट्स कॉलम लिखना होता है. इस रूप में अपॉइंटमेंट फुल टाइम और पार्ट टाइम एम्प्लॉईज के रूप में होती है.
- अनाउंसर – विभिन्न स्पोर्ट्स क्लब्स देश और विदेश में गेम्स और स्पोट्र्स के आंखों देखा हाल के डिस्क्रप्शन के लिए स्पोर्ट्स कमेंटेटर को नियुक्त करते हैं. अपने ही देश में बोर्ड ऑफ कंट्रोल फॉर क्रिकेट इन इंडिया (बीसीसीआई) के द्वारा स्पोट्र्स कमेंटेटर के रूप में हर वर्ष कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर स्पोट्र्स कमेंटेटर की नियुक्ति की जाती है.
- न्यूज एनालिस्ट न्यूज एनालिस्ट का मुख्य कार्य विभिन्न स्पोर्टिंग इवेंट्स से रिलेटेड डाटा का कलेक्शन और प्रेजेंटेशन होता है और फिर उन्हें सुंदर ढंग से डायग्राम और ग्राफ्स के माध्यम से न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स में प्रेजेंट करना होता है. ये न्यूज एनालिस्ट्स स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट ही होते हैं.
- स्पोर्ट्स रिक्रूटर स्पोर्ट्स कमेंटेटर स्पोर्ट्स रेक्रुइटर के रूप में भी कार्य करते हैं. इस रोल में वे अपने क्लाइंट्स के लिए स्पोट्र्स पर्सन्स के साथ निगोशिएट करते हैं और टर्म्स और कंडीशन के आधार पर कॉन्ट्रैक्ट तैयार करते हैं.
योग्यता
इसमें करिअर निर्माण के लिए कोई स्पेशल इंस्टीट्यूट या स्पेसिमेन कोर्स नहीं होता है, लेकिन किसी खेल के बारे में पूर्ण ज्ञान और उसको खेलने का लंबा अनुभव इस डोमेन में सक्सेस के लिए काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. एक प्रोफेशनल स्पोट्र्स कमेंटेटर के लिए निम्नांकित योग्यताएं अनिवार्य होती हैं, जो इस क्षेत्र में आवश्यक बेसिक ज्ञान प्रदान करता है और जरुरी हुनर को निखारने में सहायता करता है.
■ चार वर्षीय ब्रॉडकास्टिंग या जर्नलिज्म में बैचलर डिग्री.
■ धाराप्रवाह बोलना, शुद्ध लिखना और एकाग्रतापूर्वक सु की क्षमता.
■ ब्रॉडकास्टिंग इक्विपमेंट्स और टेलीकम्युनिकेशन सिस्टम की संपूर्ण जानकारी होना.
■ स्पोर्ट्स से संबंधित महत्वपूर्ण डाटा और उससे जुड़े प्लेयर्स के अचीवमेंट्स और बायो-डाटा की जानकारी भी अनिवार्य है.
अनिवार्य कौशल
■ आप एक कुशल और फ्लुएंट वक्ता होना चाहिए.
■ अपनी पसंद की भाषा में मास्टरी जरूरी है. किसी विषय पर तत्काल बोलने में आपका एक्सपर्ट होना अनिवार्य है. आपके पास भाषा विशेष से संबंधित अच्छी शब्दावली होनी चाहिए.
■ आपकी आवाज मधुर, स्पष्ट और तल्ख होनी चाहिए. आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करना आना चाहिए. आपका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं और करंट अफेअर्स से अपडेट होना भी जरुरी होता है.
जॉब प्रोफाइल
कमेंटेटर का पहला प्रकार ‘प्ले-बाइ- प्ले अकाउंट कमेंटेटर’ का होता है, जो प्रायः अनाउंसर के नाम से भी जाना जाता है. यह कमेंटेटर फील्ड में हो रही सारी घटनाओं का वर्णन करता है. प्रकार के कमेंटेटर को ‘कलर कमेंटेटर’ कहा जाता है. यह कमेंटेटर प्लेग्राउंड पर रिपोर्टिंग के अतिरिक्त स्पोर्टिंग इवेंट्स का एनालिसिस करता है. रिपोर्टर और स्पोट्र्स कॉरेस्पोंडेंट सभी न्यूजपेपर्स और मैगजीन्स देश और विदेश में खेले जानेवाले गेम्स और स्पोट्र्स के कवरेज के लिए स्पोट्र्स रिपोर्टर्स और संवाददाताओं का अपॉइंटमेंट करते हैं. ये रिपोर्टर्स स्पोट्र्स जर्नलिस्ट होते हैं, जो रेग्युलर बेसिस या फिर फ्रीलांसर के रूप में कार्य करते हैं.
इन बातों पर दें ध्यान
स्पोट्र्स कमेंटेटर के रूप में करिअर की शुरुआत करने के लिए कोई भी टेलर-मेड संस्थान नहीं होता है, इसीलिए कैंडिडेट को धाराप्रवाह और शुद्ध प्रवाह के साथ भाषा प्रवीणता बोलने में दक्ष तो होना ही चाहिए, साथ ही पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और कम्युनिकेशन स्किल सुधारने के लिए आवश्यक कोर्स ज्वाइन करने की जरूरत होती है. स्पोट्र्स जर्नलिज्म में डिग्री, एंकरिंग और रेडियो जॉकी के रूप में कार्य अनुभव एक स्पोर्टस कमेंटेटर बनने में काफी मददगार हो सकते हैं. रेडियो स्टेशंस, न्यूजपेपर्स और सैटेलाइट टेलीविजन चैनल्स के द्वारा सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की कमेंटरी के लिए भी स्पोट्र्स कमेंटेटर नियुक्त किए जाते हैं.
प्रमुख संस्थान
■ एशियन अकादमी ऑफ फिल्म एंड टेलीविजन स्कूल ऑफ मास कम्युनिकेशन, नोएडा
मारवाह स्टूडियो, नोएडा इंडियन स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन, पुणे
आरके फिल्म्स एंड मीडिया अकादमी, नई दिल्ली
सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, पुणे
जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुंबई.
आईआईएमसी, नई दिल्ली
