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June 8, 2025 10:42 pm

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शिक्षा का सुदर्शन न्यूज़ चैनल

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दबाव के विज्ञान को समझें, बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्रों के लिए यह सुझाव कारगर हो सकता है साबित

मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर पीटर क्लॉ कहते हैं कि परीक्षाओं के दौरान छात्रों का मनोविज्ञान कुछ अलग तरीके से काम करता है, जिसे समझे जाने की जरूरत है। बोर्ड की परीक्षा दे रहे छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए यह सुझाव बेहद कारगर साबित हो सकता है…

परीक्षाओं के मौसम में बच्चों के ऊपर मनोवैज्ञानिक दबाव हावी हो जाते हैं। इनमें सबसे प्रमुख है समय पर विषय को खत्म करना और परीक्षा में अच्छे अंक लाना। इस चक्कर में वे अपनी क्षमताओं से परे जाकर काम करने लगते हैं और डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।

ऐसे में छात्रों के साथ ही उनसे जुड़े हरेक शख्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे इन मनोवैज्ञानिक बदलावों को समझें। साथ ही, उनका हौसला बढ़ाएं और सही तरीके से मार्गदर्शन करें। इससे न सिर्फ उन्हें अनावश्यक दबाव से बाहर निकलने में मदद मिलेगी, बल्कि वे अपनी तैयारी को भी सही दिशा दे पाएंगे। इन सबके अलावा, उन्हें हासिल करने योग्य लक्ष्य बनाने के तरीकों के बारे में भी बताएं।

रिवीजन में सहायता

रिवीजन करने के लिए आसान विषयों से शुरुआत करना छात्रों को सहज लगता है। हालांकि, यह सबसे अच्छा तरीका नहीं है। बच्चों को बतलाएं कि तरोताजा दिमाग तेजी से काम करता है, इसलिए रिवीजन के दौरान कठिन विषयों को पहले निपटाना चाहिए और आसान विषयों को बाद में परीक्षा के तनाव, जो आगे चलकर डर में बदल जाता है, से बचने के लिए छात्रों के विचारों पर नियंत्रण करने में उनकी हर संभव मदद करनी चाहिए। इसमें उनके माता-पिता, परिवार के अन्य सदस्य, शिक्षक और दोस्त महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

क्षमताओं का एहसास कराएं

छात्रों के लिए ऐसे समय में सबसे मुश्किल काम ऐसे लक्ष्य निर्धारित करना है, जिसे वे आसानी से हासिल कर सकें। परीक्षा का दबाव बच्चे को अपनी क्षमता का सही आकलन करने से रोकता है। इस वजह से जो कुछ उनके वश में होता है, वे उसे भी सही ढंग से नहीं कर पाते हैं। ऐसे में बच्चों को उनकी असली क्षमता का एहसास कराएं, ताकि उसी हिसाब से वे अपने लक्ष्य बना सकें।

हौसलाफजाई करें

परीक्षा के दौरान छात्रों से जुड़े हर शख्स का सकारात्मक रवैया उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने में सहायक हो सकता है। सकारात्मक बातें करें और परीक्षार्थियों को खुश रखने का प्रयास करें। साथ ही, समय-समय पर उनकी हौसलाफजाई करते रहें।

प्रदर्शन का आकलन

छात्रों के प्रदर्शन का आकलन करते रहें। उनके कमजोर क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान देने के लिए प्रेरित करें। उन्हें समझाएं कि परीक्षा में असफल होना या कम अंक पाना कोई बड़ी बात नहीं है और इसका उनके जीवन के बाकी हिस्सों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
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Author: Paai Tv India

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