पर्यावरण इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जो पर्यावरण की रक्षा और उसे बेहतर बनाने के लिए इंजीनियरिंग सिद्धांतों और तकनीकों का इस्तेमाल करता है. यह काफी बड़ा क्षेत्र है, जो कई विषयों को जोड़ता है.
कार्यक्षेत्र
प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण से जुड़े नियमों को तैयार करना, समय-समय पर उनमें जरूरी बदलाव करना. इस तरह के प्रोजेक्ट्स की क्वालिटी को कंट्रोल करने के लिए सरकारी तथा गैर-सरकारी पर्यावरण सुधार कार्यक्रमों की प्रगति पर नजर रखना. औद्योगिक संस्थानों एवं नगर निगम पालिकाओं के पर्यावरण नियमों के एक्टिविटीज से जुड़ना. प्रदूषित स्थानों में सुधार के लिए एजेंसियों को कंसल्टेंसी सर्विस देने जैसे काम करना. पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण संबंधी कानूनी मामलों में सलाह देना.
संभावनाएं
भारत में पर्यावरण के संरक्षण और केंद्र पर्यावरण के प्रति बढ़ती जागरूकता तथा सरकारी स्तर पर बढ़ते खर्चों को देखते हुए प्राइवेट सेक्टर में भी इस क्षेत्र में काम करने वाली छोटी-बड़ी कंपनियां अब अस्तित्व में आ चुकी हैं. यही नहीं, रिसर्च इंस्टीट्यूट, एनजीओ आदि में भी इस तरह के एक्सपर्ट्स की मांग भविष्य में और तेजी से बढ़ने की संभावना है. विदेश में इस तरह के एक्सपटर्स के लिए रोजगार की बेहतरीन संभावनाएं हाल के वर्षों में बहुत तेजी से बढ़ी हैं.
जैसे कि रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, भौतिकी, गणित और इंजीनियरिंग, बुनियादी तौर पर यह विज्ञान के सिद्धांतों तथा इंजीनियरिंग की तकनीकों का मिश्रण है. इस मेल से कई विधाओं का प्रयोग पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए किया जाता है.
प्रदूषण से संबंधित चिंताओं तथा चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग या पर्यावरण इंजीनियरिंग का विकास हुआ था. आज इस क्षेत्र के युवा प्रोफेशनल्स की मांग देश ही नहीं, बल्कि विदेश में भी है. इंजीनियरिंग के अलावा पर्यावरण में रुचि रखने वाले युवाओं के लिए यह एक सुनहरा करिअर है.
कोर्स व योग्यता
देश के कई विश्वविद्यालयों में एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग पर आधारित कई तरह के कोर्स संचालित किए जा रहे हैं. ये बैचलर और मास्टर्स डिग्री के स्तर से लेकर पीएचडी तक हो सकते हैं. सरकारी ही नहीं, बल्कि निजी क्षेत्र के संस्थान भी ऐसे कोर्स संचालित करते हैं. एनवायर्नमेंटल इंजीनियरिंग के कोर्स में प्रवेश परीक्षा के आधार पर एडमिशन दिया जाता है. 12वीं में गणित विषय समूह के साथ विज्ञान विषयों की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी ही इस प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकते हैं.
प्रमुख संस्थान
■ IIT कानपुर
■ राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कोटा
मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, प्रयागराज
■ डीवाई पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, पुणे
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग, मुंबई
गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
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यशवंतराव चव्हाण कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, नागपुर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, तिरुचिरापल्ली (तमिलनाडु)
विश्वेश्वरैया टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, बेलगांव (कर्नाटक)
■ मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल (मध्य प्रदेश)
